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राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा (भाग -5)

राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा

81. राज्य में संवैधानिक आपातकाल घोषित होने की स्थिति में राष्ट्रपति

  • उच्च न्यायालय को छोड़कर, राज्य सरकार के सभी कार्यों की जिम्मेदारी स्वयं ले सकता है।
  • घोषणा स्वयं कर सकता है कि राज्य विधानमंडल की शक्तियां संसद में प्राधिकार में रहेंगी

82. राज्यपाल कीअध्यादेश जारी करने संबंधी शक्तियों के संबंध में

  • इन शक्तियों का उल्लेखअनुच्छेद 213 में है
  • राज्यपाल, राष्ट्रपति या राज्य मंत्रिपरिषद की सलाह से ही अध्यादेश जारी कर सकता है।
  • यह राज्य विधानसभा की विधायक शक्तियों के साथ सहयोजितहै।

83. मुख्य सचिव और मंत्रिमंडल सचिव के संबंध में

  • दोनों पदों की उत्पत्ति केंद्रीय स्तर पर हुई है
  • दोनों पदधारी अपनेअपने मंत्री मंडलों द्वारा लिए गए निर्णय को कार्यान्वित करते हैं।
  • दोनों की शक्तियां और कार्य और समान है

84. मुख्य सचिव के कार्यों के बारे में

  • राज्य मंत्रीपरिषद के पदेन सचिव के रूप में कार्य करना।
  • मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के रूप में कार्य करना
  • राज्य के कैबिनेट के सचिव के रूप में कार्य करना

85. राज्य के राज्यपाल को

  • राष्ट्रपति के सम्मान ही कार्यकारी विधायी और न्यायिक शक्तियां प्राप्त होती है।
  • विभिन्न मंत्रियों में सरकारी कार्य को बांटने की शक्तियां प्राप्त होती है।

राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा (भाग -4)

86. भारत में किसी राज्य के राज्यपाल के पास शक्ति है

  • राज्य के लोक सेवा आयोग के सदस्य नियुक्त करने की
  • राज्य के वित्त आयोग के सदस्य नियुक्त करने की

87. किसी राज्य के राज्यपाल के बारे में

  • किसी राज्य के राज्यपाल में भारतीय संविधान के अंतर्गत कार्यकारी शक्ति निहित होती है
  • किसी राज्य के राज्यपाल की सरकार के संघीय संरचना के कारणआवश्यकता होती है।
  • किसी राज्य के राज्यपाल को भारतीय संविधान के मूल प्रारूप के अनुसार चुना जाना है

88. किसी राज्य का मुख्य सचिव

  • मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के रूप में काम करता है
  • उन सब विषयों को देखता है जो किसी और सचिव के कार्य क्षेत्र में नहीं आते
  • राष्ट्रपति के शासन काल में राज्यपाल के सलाहकार के रूप में कार्य करता है

89. सुमेलित

  • राज्यपाल का कार्यकाल                  –                  अनुच्छेद 156
  • राज्यपाल का पद                          –                  अनुच्छेद 153
  • राज्यपाल का कार्यकारी अधिकार     –                  अनुच्छेद 154
  • राज्यपाल की नियुक्ति                     –                  अनुच्छेद 155

90. सुमेलित

  • मध्यप्रदेश                          –                  पर्वतीय क्षेत्र कार्य समिति
  • गुजरात                              –                  पिछड़े क्षेत्र का विकास
  • नागालैंड                           –                  कानून और व्यवस्था
  • असम                               –                  जनजातीय क्षेत्र का प्रशासन

91. मुख्य सचिव के बारे में

  • इसका सृजनलॉर्डवेलेजली ने किया
  • इसका सृजन1799 में हुआ

92. सुमेलित

  • राज्य सचिवालय प्रशासन का प्रमुख           –                  मुख्य सचिव
  • राजस्व प्रशासन के प्रमुख                          –                 कलेक्टर
  • राज्य का नाममात्र का प्रमुख                      –                 राज्यपाल
  • राज्य प्रशासन का वास्तविक प्रमुख           –                 मुख्यमंत्री

93. कथन (A) किसी राज्य के राज्यपाल के विरुद्ध उसकी पद अवधि के दौरान किसी न्यायालय में कोई दाण्डिककार्यवाही संस्थित नहीं की जा सकती है।

कारण (R) भारत के संविधान में भारत के राष्ट्रपति और राज्य के राज्यपाल के लिए ऐसे संगठन के लिए उपबन्धहै।

  • A और R दोनो सही है, तथा R, A की सही व्याख्या है

94. कथन (A) राज्यपाल भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है तथा उसके प्रसादपर्यन्तपद पर बना रहता है।

कारण (R) राज्यपाल को नियुक्त एवं बर्खास्त करने की शक्ति एकमात्र राष्ट्रपति को मिली हुई है।

  • A और R दोनो सही है, तथा R, A की सही व्याख्या है

95. कथन (A) राज्य का मुख्य सचिव, राज्य में मंत्रिपरिषद के पदेन सचिव के रूप में कार्य करता है।

कारण (R) राज्य के मुख्य सचिव की शक्तियां तथा कार्यों का भारत के संविधान में सूचीकरण किया गया है।

  • A सही है, किन्तु R गलत है

स्टाफ एजेंसियों के कार्य

96. कथन (A) निदेशालयके राज्य सचिवालय द्वारा बनाई गई नीतियों को कार्य रूप मेंपरिणितकरते हैं।

कारण (R) वेसरकार के कार्यपालक अंग है।

  • A और R दोनो सही है, परन्तुR, A की सही व्याख्यानही है

97. कथन (A) किसी राज्य की कार्यपालिका शक्तियां संविधान के अंतर्गत राज्यपाल में निहित होती है।

कारण (R) राज्य के राज्यपाल को भारत के राष्ट्रपति से अधिक स्वविवेकीय अधिकार प्राप्त है।

  • A और R दोनो सही है, परन्तु R, A की सही व्याख्या नही है

98. कथन (A) मुख्य सचिव का कोई निर्धारित कार्यकाल नहीं है।

कारण (R) ARC ने इस संबंध में कोई विशिष्ट संस्तुतिमें नहीं की है।

  • A सही है, किन्तु R गलत है

99. कथन (A) सचिवालय तथा कार्यपालक विभाग अलग-अलग होते हैं।

कारण (R) कार्यपालक विभागों के अध्यक्षों के पद नाम अलग-अलग होते हैं।

  • A और R दोनो सही है, परन्तु R, A की सही व्याख्या नही है

100. कथन (A) मंत्रियों की नियुक्ति और पदच्युति के विषय में मुख्यमंत्री का वचन अंतिम होता है।

कारण (R) राज्यपाल बहुसंख्यक दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है और उसकी सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है।

A और R दोनो सही है, तथा R, A की सही व्याख्या है

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