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शोध प्रारूप तथ्य संकलन की विधियाँ (भाग – 1)

शोध प्रारूप तथ्य संकलन की विधियाँ (भाग – 1)

  1. तथ्य प्राप्त होते हैं – निरीक्षण से
  2. “सत्य तक पहुंचने का कोई संक्षिप्त मार्ग नहीं है।” – कार्ल पियर्सन
  3. पी.वी. यंग के अनुसार, स्रोतों को विभाजित किया गया है – प्रलेखनीय व क्षेत्रीय
  4. ऐतिहासिक स्रोत में शामिल है – प्रलेख,शिलालेख, कागजात
    • इसके साथ ही खुदाई के तथाभूतत्वीय स्तर प्राप्त वस्तु वस्तुओं को इसमें शामिल किया जाता है।
  5. प्रो. बेगलेमें किन दो स्रोतों का उल्लेख किया है – प्राथमिक व द्वितीयक
    • प्राथमिक स्रोतइसकेअंतर्गत समस्या से संबंधित व्यक्ति एवं प्रत्यक्ष निरीक्षण आते हैं।
    • द्वितीयक स्रोतद्वितीयक स्रोत के अंतर्गत सरकारी अथवा गैर-सरकारी संस्था तथा अप्रकाशित प्रलेखो इत्यादि  को शामिल करते हैं।

शोध प्राविधि:-सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान (भाग – 5)

  1. प्राथमिक स्रोत के भाग हैं  – साक्षात्कार या मौखिक छानबीन
  2. प्राथमिक सामग्री के अन्य किस नाम से जाना जाता है – आधार सामग्री
  3. अप्रत्यक्ष स्रोत में शामिल है – दूरभाष
    • अप्रत्यक्ष स्रोत में मुक्ता प्रश्नवलीयाँ, रेडियो,साक्षात्कार,दूरभाष,पैनल इत्यादि सम्मिलित होती है।
  4. आर्थिकसर्वेक्षणएवं मुद्रा बीच किस प्रकार का स्रोतहै? – द्वितीयक स्रोत
    • प्रकाशित स्रोत भिन्न-भिन्न विषयों पर सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाएं एवं अनुसंधानकर्ता भी महत्वपूर्ण आंकड़ों को एकत्र करके समय-समय पर प्रकाशित करते हैं।
    • इनमें प्रमुख रूप से जनगणना रिपोर्ट, पंचवर्षीय योजना, आर्थिक सर्वेक्षण, मुद्रा एवं वित्तीयरिपोर्ट दी सरकारी प्रकाशन समय-समय पर प्रकाशित होते रहते हैं।
  5. “वे तथ्य प्राथमिक होते हैं जिनको एक विशेष समस्या को हल करने विशिष्ट प्रयोजन हेतु एकत्रित किया गया हो” – रॉबर्टसन एवं राइट
  6. अनुसंधानकर्ता के संबंध में नवीन आंकड़े इकट्ठा करता है यह कहलाता है – प्राथमिक आंकड़ा
    • प्राथमिक स्रोत–ये वे स्रोत  हैं जिन्हें अनुसंधान करने वाला अपने प्रयोग में लाने के लिए पहली बार सूचनाओं को संकलित करता है तो इसे ही प्राथमिक स्रोत कहते हैं।
  7. प्राथमिक आंकड़े इकट्ठा करने की विधि है – प्रत्यक्ष मौखिक अनुसंधान
    • प्रत्यक्ष प्राथमिक स्रोत- जिसमें अनुसंधानकर्ता सीधे सूचना देने वालों से प्रत्यक्ष रूप से संबंध स्थापित करके जो जानकारी एकत्रित करते हैं, प्रत्यक्ष प्राथमिक स्रोत कहलाते हैं।
  8. प्राथमिक आंकड़ों को एकत्र करने की विधि है
    • प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अनुसंधान
    • अप्रत्यक्ष मौखिक अनुसंधान
    • प्रगणकों द्वारा अनुसूचियों का भरना
  9. अनुसंधानकर्ता को द्वितीयक – आंकड़े समुचित जांच के बाद ही उपयोग में लाने चाहिए

विभाग की परिभाषा

  1. भारत में योजना विभाग द्वारा प्रकाशित आंकड़ा होता है – द्वितीयक आँकड़ा
    • अर्द्धसरकारी संस्थाओं के प्रकाशन,अंतरराष्ट्रीय प्रकाश, विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थाओं के प्रकाशन, आयोग एवं समितियों की रिपोर्ट तथा व्यक्तिगत शोधकर्ताओं के प्रकाशक होते हैं।
  2. प्राथमिक आंकड़ों का संकलन किया जाता है – स्वयं अनुसंधानकर्ता द्वारा
  3. द्वितीयक आंकड़ों का स्रोत है – भारतीय सांख्यिकीय विभाग द्वारा प्रकाशित विवरण
  4. पुस्तकालय किस प्रकार के स्रोत उपलब्ध कराते है? – प्राथमिक स्रोत
  5. कौन-सी विशेषता सर्वेक्षणसे संबंधित है – सिद्धांतों का निर्माण
  6. प्रश्नावली के प्रश्न में गुण हैं
    • अस्पष्टता, -उचित क्रम, -सरलता
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